यादों में आना शुरू कर दिया है
यूँही मुस्कुराना शुरू कर दिया है
मेरी धडकनों ने तुझको कसम से
हमदम बुलाना शुरू कर दिया है
ठहरना भी तेरे घने टेसुओं का
मेरी जान मुझको हवा सा लगे है
यूँही मेकुराना मुझे देख कर
मेरी जान मुझको दावा सा लगे है
पहले मुझे इसकी आदत नहीं थी
अब दिलको मनाना शुरू कर दिया है
मेरी धडकनों ने तुझको कसम से
हमदम बुलाना शुरू कर दिया है
तुझे देख कर दिलको रहत है मिलती
तुझे सोच कर ये अब खिलखिलाते
तुझे पा के भी मैं न खो दूं कभी
इसी एक डर से कम सपने सजाते
सपने जो देखे वो हो जाये पूरे
रब से मनाना शुरू कर दिया है
मेरी धडकना ने तुझको कसम से
हमदम बुलाना शुरू कर दिया है
ये कविता तो केवल फ़िल्मी अंदाज़ को सोचकर लिखी गयी है इसका वास्तविक जीवन से कोई रिश्ता नहीं है और से कवितायेँ ही आपको प्रमाण देंगी की मैं एक फर्जी इंजिनियर हूँ .